जरूरी है संघर्ष( संघर्ष क्यों जरूरी है।)
एक व्यक्ति बगीचे में बैठा था।अचानक पेड़ से नीचे कोकून गिरा। नन्ही तितली उससे बाहर आने की कोशिश कर रही थी। वह व्यक्ति घंटो उसे देखता रह। उससे रहा नही गया उसने तितली की मदद करने की फैसला कर लिया। उसने कोकून के एक हिस्से को काट दिया, ताकि तितली आसानी से बाहर आ सके। तितली तो बाहर आ गई, लेकिन अविकसित। बिना एक पंख के। उसका पिछला हिस्सा भी कुछ फूल गया था। अब वह कभी उड़ नही सकती थी। दरसल, उस सख्श ने यह नही सोचा की संघर्ष जीवन की प्रक्रिया का अनिवार्य हिस्सा है। उसने तितली के संघर्ष को ही समाप्त कर दिया और ऐसा करके उसने उसका जीवन हमेशा के लिए बर्बाद कर दिया।
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दरअसल, संघर्ष हमारी ताकत को बढ़ता है। महान क्रांतिकारी चे ग्वेरा कहते थे, जीवन में अगर अपने संघर्ष नही किया, तो समझो कुछ भी नही किया, और अगर अपने भरपूर संघर्ष किया, और कुछ हासिल नहीं हुआ, तब भी अपने भरपूर जीवन तो जी ही लिया।
जिस तरह बिना छेनी और हथौड़ी की चोट से पत्थर भी भगवान नहीं बनता, उसी तरह मनुष्य का जीवन भी संघर्ष की तपिश बिना न निखर सकता है, न शिखर पर पहुंच सकता है, और न ही मनोवांछित सफलता पा सकता है। रंगभेद के खिलाफ संघर्ष में 22 वर्षों तक जेल में रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता डेनिश गोल्डबर्ग कहते थे कि हर बुरी चीज को नकारना और उसे खत्म करने की कोशिश आपको संघर्ष की राह पर ले जा सकता है। यह कोशिश समय बचपन हमे बचपन से करनी चाहिए और कभी यह नहीं सोचना चाहिए कि अभी वक्त नहीं है।